Views and Counterviews 95

 जाने क्यों ये विडियो बार-बार मेरे यूट्यूब पर आ रहे हैं? कह रहे हों जैसे, सुनो हमें? जाने क्यों लगा, की ये तो रौचक हैं      प्रशांत किशोर  V...

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Friday, August 15, 2025

ABCDs of Views and Counterviews 84

Independence day?

आज़ाद दिवस? 

मगर किन या किस टाइप के गुंडों या छलकपटों का? 

आजाद देश? 

मगर,

कौन सा देश? 

किसका देश? 

और कैसा देश ?  

2018 से जब एक नए संसार के हाल, चाल और ढाल देखने शुरु किए, कोढों की दुनियाँ के रास्ते, तो पता चला की ये वो गाँव, वो मौहल्ले, वो शहर, वो देश, या वो संसार नहीं है, जिसे हम बचपन से जानते हैं। ये तो राजनीती की कुर्सियों के साँड़ों और बाजार के मारकाट वाले धन्ना सेठों (औरतों का शोषण करने वाले या बलात्कारी भगवानों?) की वो दुनियाँ है, जिन्होंने भोले-भाले लोगों को दुनियाँ भर में अपने जाल में उलझाया हुआ है। 

दूसरे देशों का तो अभी तक ज्यादा पता नहीं, मगर जब भारत के जवाहर लाल नेहरु या महात्मा गाँधी, सुभाष बोस, भगत सिंह जैसे लोगों को हमारे राजनीतिज्ञों द्वारा, यहाँ वहाँ गाते पाया तो कुछ और ही समझ आया। ऐसे ही इनके युद्धों की कहानियाँ हैं। वो चाहे भारत की 1947 की स्वतंत्रता की कहानी हो या 1962 के चीनी युद्ध की या 1971 की या ऐसे ही कोई और। इन्हें जानसमझकर ऐसे लग रहा है, जैसे हमारे पढ़े लिखे (officers), वो चाहे फिर सेनाओं के हों या सिविल के, भला भोली भाली जनता का कितना और कितनी तरह से शोषण कर सकते हैं? जानने की कोशिश करें एक आम इंसान की मौत से? मौत या हत्या? खूनी शिक्षा के धंधों की, धन्ना सेठों के शिक्षा बाजार की खुनी कहानियाँ? ऐसी-ऐसी कहानियाँ, जहाँ दिखाई कुछ दे, मगर, हकीकत कुछ और मिले। आज के युग में भी औरत को महज़ एक प्रॉपर्टी समझ, उसकी खरीद परोख्त की कहानियाँ। जहाँ राजनीतिज्ञ ही नहीं, बल्की, क्या पुलिस, क्या सेना और क्या सिविल officers (?), सब जैसे धँधे में लगे हों। 

एक ऐसा छलकपट का धँधा, जिसमें हर किरदार के रावण जैसे जाने कितने चेहरे हैं, कितने हाथ, पैर और कितने ही शरीर? जिसमें क्या बेटी, क्या बहन, क्या माँ, क्या दादी या कोई और ऐसा ही रिस्ता, किसी को भी नहीं बक्सा जाता। इस छलकपट के धँधे के ये गुंडे, अपने छलकपट के तौर-तरीकों से, अपने ही देश के नागरिकों को कहीं अमेरिकी, कहीं रसियन, कहीं ऑस्ट्रेलियन, कहीं पाकिस्तानी, कहीं बांगलादेशी, कहीं नेपाली और जाने अपनी भद्दी सी कहानियों में और कैसे-कैसे किरदार बनाए मिलेंगें। इन किरदारों को ये चोरी छुपे घड़ेंगें और गोटियों सा चोरी छुपे चलाएँगें। इन कलयुगी जुआरियों के इस धँधे में, आप कब, कहाँ और कैसे इनके checkmate का कोपभाजन बन जाएँगे, आपको पता भी नहीं चलेगा। और ये भद्दे, बेहूदे जुआरी अपने आपको officers या नेता, राजनेता कहते नजर आएँगे। ये आपका सब खाकर आपको रुंगे सा प्रसाद देंगे, अगर आपको इस धँधे का abc तक नहीं पता तो। या आपको खुद आपके अपने खिलाफ या अपनों के ही खिलाफ खड़ा कर देंगे। या अगर आपको इस धँधे की थोड़ी सी भी खबर हो गई, तो या तो आपकी बोलती बंध करने की कोशिश करेंगे, या दुनियाँ से ही चलता कर देंगे। मेरे हिसाब से तो ऐसे आज़ाद देश और दुनियाँ का हिस्सा हैं हम सब। 

आपको क्या लगता है, आप कौन से खुले देश या दुनियाँ में साँस ले रहे हैं?  

आगे किन्हीं पोस्ट्स में जानने की कोशिश करेंगे, आज के युग में गाए जाने वाले कुछ खास किरदारों को, जैसे जवाहरलाल नेहरू या महात्मा गाँधी या भगत सिंह या कुछ खास युद्धों को जैसे 1947, 1962, 1971 या ऐसे ही कोई और युद्ध?                              

हमारे समाज को, इस दुनियाँ को एक Reset की जरुरत है। एक ऐसे reset की जहाँ कोढ़-कोढ़ खेलने वाले और आम लोगों को गोटियाँ समझ यहाँ-वहाँ चलने वाले इन राजनेताओं और officers (?) के खिलाफ सख़्त कारवाही हो। मगर वो कारवाही करेगा कौन? जहाँ सुप्रीम कोर्ट तक खुद ऐसा खेल रहे हों?

 ऐसे ही जैसे, mobile reset factory या लैपटॉप या कम्प्युटर रिसेट होता है। दुनियाँ भर में राजनीती और officers (?) के रचे, इन जालों, व्युहचक्क्रों से बाहर निकलने की जरुरत है। वैसे तो सुना है, इस जुआरियों के धंधे में बहुत reset हैं, जैसे "2020 Reset", बाज़ारवाद का बहुत ही भद्दा और बेहूदा रुप। जहाँ दुनियाँ भर में लोगों की ज़िंदगियों से ऐसे खेला गया, जैसे गाजर-मूलियों को काटना। और ये बताने, कहने या लिखने वालों को देशद्रोही कह, जेलों में ठोका गया। जो अपने आप में फिर से कोढ़ था। "Kidnapped by police", 2021 में, यही राजनीतिज्ञ ड्रामा था। यहाँ साल, तारीखें, समय और उस वक़्त के किरदार या आसपास के लोग, अपने आप कोई कहानी कह रहे थे जैसे। किसी खास पार्टी की कहानी।   

System Reset, where people cannot fight code-decode to create so many types of Ravan and destroy common people lives by so many types of faces

सिस्टम मतलब? कोढ़म-कोढ़।            

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