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Tuesday, April 29, 2025

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Conflict of Interest

राजनीतिक पार्टियाँ और बड़ी-बड़ी कम्पनियाँ कैसे समाज को Conflict of Interest के जाले में घुसा कर अपना मोहरा बना रही है? जिन जालों की देन हैं, रिश्तों के ताने-बाने, स्वास्थ्य और बिमारियाँ, पैदाइश, ज़िंदगी और मौत तक?    

जानने की कोशिश करते हैं, आसपास के ही समाज से 

किसी ने आपको कुछ बोला की आपको ये करना है, या ये किसी को दिखाना है या दूर से ही ऐसे समझाना है। या शायद, आपके अपने दिमाग में ही किसी के खिलाफ कोई नफरत या उल्टा-सीधा कुछ भरा? और परिणामस्वरुप आपने कुछ उल्टा-पुल्टा किया या कहा? 

या ये भी हो सकता है, की आपके दिमाग में किसी ने कुछ अच्छा भरा? और परिणामस्वरुप आपने कुछ अच्छा किया? 

बुरे के परिणाम बूरे और भले के परिणाम भले? कर भला, हो भला, कर बुरा, हो बुरा? शायद हाँ, शायद ना? चलो मान लिया आपके आसपास दोनों ही तरह के उदहारण हों? 

कोई आपके घर से कुछ बदल रहा है? या छीन रहा है? या आपकी चलती घर की गाड़ी के पहिए पंचर कर रहा है? कौन? शायद वो, जिसने आपको ऐसा किसी की गाडी के साथ करने को बोला?

कोई आपके घर की कमाई आपसे छीन रहा है? शायद महीने में थोड़ा-बहुत जो आता था, वही? छोटे से, भरे पूरे से स्वर्ग को, उसकी शांति को, कोई छीन रहा है? कौन? शायद वो, जिन्होंने आपको किसी का घर, किसी की नौकरी छुड़वाने को बोला? जरुरत पड़ने पर, उसे वो थोड़े से पैसे ना देकर किसी और को देने को बोला? चाहे वो आपकी किसी न किसी रुप में हमेशा मदद करते आएँ हों? किसने? किसे और क्यों?

उन्होंने, जिन्होंने वो सब जाने के बाद फिर से बोला, की अब वो कहीं और पैदा हो गई है? कौन? कहाँ पैदा हो गई है? उनके यहाँ, जिन्होंने बोला, सबका खा गया? क्या वो सबका खा रहे थे? या इधर ऐसा करने को कौन बोल रहे थे? और उधर जो कर रहे थे, उन्हें ऐसा करने को कौन बोल रहे थे? राजनीतिक सुरँगों के जाले? इधर के या उधर के? या जले-भूने लोग? आसपास में ही, एक ही घर-कुनबे में, ये क्या और कैसी अदला-बदली कर रहे थे? Conflict of Interest पैदा करके? उधर भी, और इधर भी? नुक्सान दोनों को ही हुआ, किसी न किसी रुप में? हाँ। कहीं थोड़ा कम, और कहीं थोड़ा ज्यादा? मगर ऐसा, जिसकी भरपाई नहीं हो सकती? या आप भी राजनीतिक जालों के पैदा किए पुनर्जन्म में विश्वास रखते हैं? ये तो हैं रिश्तों के जोड़तोड़ या कुछ युवाओँ को दुनियाँ से ही उठा देने के किस्से-कहानी। कहीं कुछ घड़कर या दिखा बता और समझाकर? ठीक-ठाक रिसोर्सेज वाले थोड़ा जल्दी उभर जाएँगे, और कम रिसोर्सेज वाले थोड़ा ज्यादा वक़्त लेंगे?   

ऐसा ही so called बिमारियों के नाम पर जो उठाए, उनके साथ किया। इधर भी और उधर भी? कोरोना काल में so called वायरल से और उसके बाद कैंसर या लकवों से, लोगों के बेहाल? कुछ तो उठा भी दिए? क्या सच में उन्हें कैंसर या लकवा था? या जिन्हें अब तक है, वो है? उन्हें घड़ने का सच क्या है? मतलब तरीका या method या process क्या है?

आगे शायद कोई पोस्ट इन बिमारियों के एक्सपर्ट्स के लिए भी हो। क्यूँकि, ऐसे घपलों की हकीकत आप शायद ज्यादा सही बता पाएँ? और शायद नहीं भी? क्यूँकि, समाज के किस हिस्से में, कैसे और क्या घड़ा जा रहा है, वो ज्यादा सही से वहीं रहकर समझ आता है। या शायद, सर्विलांस भी काफी सहायक होता है?   

Bio Chem Terror?

Or 

Bio Chem Physio Psycho and Electric Warfare? Or perhaps much more than that? 

Creation of specific media culture around that person or place?   

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