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Wednesday, February 26, 2025

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हमारे सिस्टम में इंसान एक प्रॉपर्टी है? 

और सारा खेल बड़ी-बड़ी कंपनियों और दुनियाँ भर की सरकारों वाली कुर्सियों की मार धाड़ का है? या इससे ज्यादा भी कुछ है? जानने की कोशिश करें?

2010 मनमोहन सिंह PM, कांग्रेस आई थी, किसी काँड के बाद?

2013? अरविन्द केजरीवाल? दिल्ली CM?

2014 मोदी PM? और फिर से अरविन्द केजरीवाल, दिल्ली CM?   

 

 2014? कोई मीटिंग शायद? 

At Par? ये क्या बला है? 

SFS Self Financing Scheme, Government Service के equal, बराबर, जब तक वो डिपार्टमेंट है। उस वक़्त आप उससे आगे कुछ नहीं जानते। क्यूँकि, ऑफिसियल, मतलब ऑफिसियल। वो सब भला पर्सनल ज़िंदगी को कैसे प्रभावित कर सकता है?

20 18 और कोढों की भरमार जैसे। 

20 19, पर्सनल कुछ नहीं। सब में राजनीती और सब राजनीती के बनाए सिस्टम का। क्या जीव, क्या निर्जीव। आदमी भी, उसी सिस्टम की प्रॉपर्टी। 

प्रॉपर्टी? इंसान किसी की प्रॉपर्टी?

2020 Election Bonds और अलग-अलग पार्टियों की अलग-अलग फंडिंग। 

मतलब? अब ये क्या बला है? 

जैसे "Service Bonds" किसी सर्विस के बदले, सर्व कर रहे हैं आप किसी को। 

जब ज्वाइन किया तो क्या था?

बाद में भी उसे बदला जा सकता है? 

क्या? सच में इतना आसान है? 

सीधे नहीं, थोड़े टेड़े रस्तों से। 

क्रोनोलॉजी (Chronology) 

2008, ढेरों सर्विस या जॉइनिंग 

2010, फिर थोड़ी कम 

 2012, और कम 

2014? और?   

सरकारों के बदलावों को समझो। 

क्या है जो Trading या Optional है? और क्या है जो दूरगामी और sustainable? जैसे एक ही शब्द के अनेक अर्थ या शायद अनर्थ भी? 

 जैसे Ben बेन? 

Sister बहन?

मतलब एक ही? बराबर? 

या शायद कुछ-कुछ ऐसे?

जैसे बाई B AI और BH AI Y? 

गूगल से इस बारे में AI ज्ञान लें?

किसी और सर्च इंजन की AI का ज्ञान, शायद किन्ही और शब्दों में या अर्थों में मिलेगा?
आप Co Pilot या कोई और प्रयोग कर देख सकते हैं। 

सुना है, सर्विस और सर्व करने का सिलसिला, किसी न किसी रुप में, सदियों से ऐसे ही चलता आ रहा है? जहाँ मध्यम वर्ग या समाज का नीचे का तबका, हमेशा बड़े लोगों का सेवक बनकर रहा है। और बड़े लोग हमेशा शोषक। और जब तक ये मध्यम या समाज का नीचला तबका, वक़्त के साथ, वक़्त के बदलते रंग-रुपों को पढ़ेगा या समझेगा नहीं, तब तक ऐसे ही इन कुर्सियों को सलाम ठोकता रहेगा और शोषित होता रहेगा। 

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