Human Robots
मुझे राजनीती पसंद नहीं।
तुम राजनीती को पसंद करो या नहीं, मगर राजनीती तुम्हारी ज़िंदगी में हर जगह है। तुम्हारी ज़िंदगी का हर निर्णय राजनीती ले रही है।
और आप सोचते हैं, कैसा पागलपंथी वाला ज्ञान है?
और धीरे-धीरे सालों बाद या कहो की तकरीबन एक दशक बाद पता चलता है, की ये तुम्हारी ज़िंदगी का मतलब यहाँ हर इंसान या हर जीव और निर्जीव की ज़िंदगी है।
इसलिए इसे ऐसे पढ़ना या समझना चाहिए था, "तुम राजनीती को पसंद करो या नहीं, मगर राजनीती तुम्हारी (हर जीव और निर्जीव की) ज़िंदगी में हर जगह है। तुम्हारी (हर जीव और निर्जीव की) ज़िंदगी का हर निर्णय राजनीती ले रही है।"
रौचक ये की ये सब समझाया भी राजनीती ने ही है। राजनीती कितने गुप्त और अजीबोगरीब ढंग से, लोगों को अपना गुलाम, नहीं रोबॉट सही शब्द है, बनाए हुए है। सिर्फ यूनिवर्सिटी या किसी भी रिसर्च इंस्टिट्यूट की दिवारों तक सिमटकर ये सब समझ नहीं आ सकता। या यूँ कहो की ये इंस्टिट्यूट आपको प्रोमोशन के लिए या आगे से आगे कुर्सियाँ पाने के लिए, नंबर इक्क्ठे करने वाला नंबरी अकाउंटेंट जरुर बनाते हैं। इससे आगे तो? शायद ज्यादातर नहीं? ऐसे ही जैसे राजनीती? वो भी नंबरों का खेल ही है? इससे आगे? इससे आगे उन नंबरों को पाने के लिए कैसी भी जोड़तोड़? कैसी भी, मतलब कैसी भी? खुंखार खेल, बिमारियों का और मौतों का? लोगों को यहाँ से वहाँ खदेड़ने का या बसाने का? ज्यादातर आम लोगों को? बाकी कभी-कभी, धरे बड़े-बड़े नेता लोग भी जाते हैं? हालाँकि, ज्यादातर उनकी मौतों का निर्णय भी और शायद ज़िंदगी का भी, लेता यही सिस्टम है। ताना-बाना, चक्रव्यूह जैसे, इस पार्टी का, उस पार्टी का और उनसे उपजी खिचड़ी का?
कभी-कभी इसलिए, की ज्यादातर उनको उनके संसाधन बचा लेते हैं। जो की आम लोगों के पास नहीं होते। या कहो की उन्हें खबर तक नहीं होती, की उन्हें मार क्या रहा है? या इतनी तरह की बिमारियाँ या ऑपरेशन उनके ही क्यों होते हैं? या वो उन्हें झेल क्यों नहीं पाते? या कितना झेल पाते हैं? इतना क्या गाना? ज़िंदगी के छोटे या लम्बे होने का निर्णय, ज्यादातर लिविंग स्टैंडर्ड लेता है? क्या बोलते हैं उसे? Human Development Index, मानव विकास सूचकाँक? और ये इंडेक्स, ज्यादातर कहीं की भी राजनीती बनाती या बिगाड़ती है? इस सबका मानव रोबॉट्स से क्या लेना-देना? इंसान जितना गरीब, अंजान या अज्ञान होता है, वो उतनी ही आसानी से, इन पार्टियों द्वारा अपने अनुसार ढालने के लायक होता है। गरीब के साथ अंजान और अज्ञान होना अहम है। इसलिए मिडल क्लास या अमीर भी, अगर अंजान और अज्ञान है, मानव रोबोट बनाने वाली इन फैक्टरियों और राजनीती के समुहों से, या उनके तौर-तरीकों से, तो धरा वो भी जाता है। इनके जालों से या चक्रव्यूहों से बचने का जानकारी ही एकमात्र रहस्य है। सही जानकारी। जितनी सही जानकारी होगी, उतना ही ज़िंदगी सही होती जाएगी, जालों-जंजालों के बीच भी या दुष्चक्क्रों या चक्करव्यूहों से बचने के लिए।
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