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 जाने क्यों ये विडियो बार-बार मेरे यूट्यूब पर आ रहे हैं? कह रहे हों जैसे, सुनो हमें? जाने क्यों लगा, की ये तो रौचक हैं      प्रशांत किशोर  V...

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Sunday, March 16, 2025

ABCDs of Views and Counterviews? 61

कितना बड़ा काम है नौकरी ईजाद करना?

कौन कर सकता है? सिर्फ सरकार? या हर कोई? शायद हर कोई? हाँ। उसका स्तर अलग-अलग हो सकता है। जैसे, कोई भी अस्थाई-सी नौकरी तो किसी न किसी को दे ही सकता है। अगर हम गाँव से ही शुरु करें, तो घर या खेत के काम के लिए, सहायक या मजदूर तो चाहिए ही होते हैं। किसी को हमेशा, तो किसी को कभी-कभी। वो किसी न किसी को नौकरी देना ही है। मगर अस्थाई।  ऐसी नौकरी देनी के लिए, आपको कोई अलग से संसाधन नहीं लगाने पड़ते। या कोई खास अलग तरह की जानकारी नहीं चाहिए होती। आपको क्या और कैसे करवाना है, आपको पता होता है। मगर, ऐसे अस्थाई काम करने वाले की नौकरी सुरक्षित नहीं होती। और उसी हिसाब से पैसे और बाकी सुविधाएँ भी। 

सुरक्षित और बाकी सुविधाओं वाली नौकरियों पे बाद में आएँगे। आज कुछ ऐसी-सी ही अस्थाई सी नौकरी ईजाद करें? 

साफ़-सफाई 

अगर मैं अपने ही गाँव से शुरु करूँ, तो मेरे यहाँ साफ़-सफाई की बहुत समस्या है। जो शायद ज्यादातर गाँवों की होती है, खासकर हमारे जैसे देशों में। कोई हर रोज साफ़-सफाई के लिए आना तो दूर, ईधर-उधर पड़ा कूड़ा ही उठाने वाला कोई नहीं होता। खासकर, जो घर खाली पड़े होते हैं, उनके सामने। अब इतने सारे आसपास मकान खाली पड़े हों, तो मुश्किल और ज्यादा होती है। और यहाँ-वहाँ खाली पड़े प्लॉट, अलग से समस्या बनते हैं। क्या समाधान है? शायद बहुत बड़ी बात नहीं है, सफाई के लिए किसी को लगा लो? मगर बहुत बार सफाई करने वाले किसी भी कारण से, अगर लम्बे समय तक ना आ पाएँ तो? गाँवों में सरपँच और मेम्बर, शायद इसी लिए बनाए जाते हैं, की गाँव की गाँव में ऐसी छोटी-मोटी समस्याओं का समाधान कर सकें? हमारे यहाँ सरपँच ठीक-ठाक है शायद। और कूड़ा इकठ्ठा करने के लिए गाडी भी लगाई हुई है। मगर वो बड़ी गाडी है, छोटी गलियों में नहीं आ सकती। कोई बड़ी बात नहीं, दो कदम बड़ी गली की साइड जाकर कूड़ा डाल आओ। यहाँ तक तो सही है। मगर, क्या कोई सफाई कर्मी भी, हर रोज बाहर सफाई के लिए नहीं लगाए जा सकते? जिससे जिन घरों में कोई नहीं रहता, वहाँ भी कूड़े के ढेर ना लगें? शायद तो लगाए जा सकते हैं? ये तो कोई बड़ी बात नहीं? हो सकता है, किन्हीं गाँवों के केसों में सरपँच कहे की उनके पास पैसे नहीं हैं, ये सब करवाने के लिए। क्यूँकि, सरकार दूसरी पार्टी वाले सरपंचों को पैसा नहीं देती।         

क्या सच में ऐसा है, की सरपंचों को इतने छोटे-छोटे से काम करवाने तक के लिए पैसा नहीं मिलता? चलो कितना पैसा कहाँ से मिलता है या कहाँ से लिया जा सकता है, इस पर कोई और पोस्ट। ऐसे-ऐसे कामों के लिए पैसा, जिनके यहाँ ये कर्मचारी सफाई के लिए जाएँगे, उन्हीं से लिया जा सकता है। क्यूँकि, शहरों की कई कॉलोनियों में ऐसा होता है। जैसे रोहतक सैक्टर-14 में एक छोटा-सा रिक्से वाला आता था, कूड़ा घर-घर से लेने। और उसे उस वक़्त, सिर्फ 25 या 50 रुपये हर एक घर से मिलते थे। ये 2009 और 2010 की बात है। ऐसे ही कई कॉलोनियों में मैंने देखा था, साफ़-सफाई वाले आते थे और महीने में घर-घर से नाम मात्र पैसे लेते थे। कितना मुश्किल है, गाँवों में ये सब करना? ऐसे कुछ लोगों को तो काम बिना पैसे सरकार से लिए भी दिया जा सकता है। सिर्फ नियत का सवाल है?

ऐसी ही और भी कितनी सारी छोटी-मोटी नौकरियाँ, गाँवों में ही ईजाद की जा सकती हैं, शहरों की तरह। कई बार तो आसपास काम करने वाले ही नहीं मिलते। तो ऐसे लोगों के नंबर, किसी एक जगह से मिल जाएँ, शायद ऐसा कोई हेल्पलाइन नंबर होना चाहिए। जहाँ से जरुरत पड़ने पर, छोटी-मोटी जानकारी या ऐसी सहायता कोई भी ले सकें। हो सकता है, ऐसा कोई सहायता नंबर हो और मेरे जैसों की जानकारी में ना हो। तो ऐसे नंबर को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाने के लिए, उसका प्रचार-प्रसार होना चाहिए।                      

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