जाने क्यों ये विडियो बार-बार मेरे यूट्यूब पर आ रहे हैं? कह रहे हों जैसे, सुनो हमें? जाने क्यों लगा, की ये तो रौचक हैं प्रशांत किशोर V...
Search This Blog
Sunday, March 2, 2025
ABCDs of Views and Counterviews? 46
स्वस्थ जिंदगी (Healthy Life)
स्वस्थ ज़िंदगी के लिए आपको बहुत कुछ नहीं चाहिए। मगर बहुत कुछ जो हमारे वातावरण से या आसपास से हमें जाने-अंजाने मिलता है, उससे बचने की जरुरत जरुर होती है। उससे आगे काफी कुछ हमारी अपनी दिनचर्या या खान पान को सही करने की जरुरत होती है। जैसे की कहा गया है की "Precaution or prevention is better than cure", सावधानी या ऐतिहात, ईलाज से बेहतर है।
आप अपने स्वास्थ्य का चाहे कितना ही ऐतिहात बरतने वाले हों, फिर भी कभी न कभी तो जरुर, किसी न किसी बीमारी से सामना करना ही पड़ा होगा? वो फिर कोई छोटी-मोटी ज़ुकाम या सिर दर्द जैसी समस्या हो या कोई आते जाते मौसम-सा बुखार, जिसमें आपको कुछ खास नहीं करना पड़ता, अपने आप ही ठीक हो जाता है। मगर कभी-कभी शायद बहुत कुछ अपने आप ठीक नहीं होता, उसके लिए थोड़ी सी मेहनत चाहिए होती है। कभी-कभी शायद थोड़ी ज्यादा? जैसे किसी एक्सीडेंट के बाद? या किसी थोड़ी बड़ी बीमारी या ऑपरेशन के बाद?
चलो पहले थोड़ा ऐतिहात या सावधानी की बात करें?
Attitute is Everything
मन के माने हार है और मन के माने जीत? आपने मान लिया की आप जीत रहे हैं, तो जीत रहे हैं। आपने मान लिया की आप हार रहे हैं, तो हार रहे हैं? आपने मान लिया की आप बीमार हैं, तो बिमार हैं। आपने मान लिया की ठीक हैं, तो ठीक हैं? संभव है क्या? ज़िंदगी संभानाओं का ही नाम है? आपके मानने या ना मानने से ही बहुत कुछ छू-मंत्र हो जाता है और बहुत कुछ पनप भी जाता है। बिमारियों का या स्वास्थ्य का भी काफी हद तक ऐसे ही है। काफी हद तक, बिलकुल नहीं। इसलिए
Own Your Mind and Own Your Life
Own Your Body
ये Own Your Body पे क्या आ गया?
Own your body का ज्यादा तो नहीं पता, पर इतना-सा जरुर पता है, की वजन कम करना या बढ़ाना कोई बहुत बड़ा मुद्दा नहीं है। जिनके लिए है, उनको लग रहा होगा की ये क्या फेंक रही है? सच में। एक बार ये सोच लो, की खाना आपके लिए जहर है। खाना एक ऐसी जेल की सैर है, जिसके खाते ही आपके मरने की पूरी-पूरी सम्भावनाएँ हैं। उसके बाद खाना तो क्या खाओगे? बेचैन होकर पागलों की तरह घूमने (walk) जरुर लग जाओगे। जैसे कह रहे हो, निकालो मुझे इस जेल से। खैर। ये थोड़ा ज्यादा हो गया ? वैसे, मेरे साथ ऐसा हो चूका, जब साढ़े तीन दिन की खास सैर पर ही आप 3-4 किलो वजन घटा आएँ।
वैसे, खुद को खाने का परहेज कर अरेस्ट करना और जितना हो सके उतने घंटे घूमना, वजन घटाने का अचूक तरीका है। अब क्यूँकि, आप खुद ही खुद को अरेस्ट कर रहे हैं, अपने लिए कुछ अच्छा करने के लिए, तो ये वो अरेस्ट तो है नहीं, की जहाँ पानी या जूस तक पर भी पाबंदी लगे। जहाँ तक हो सके जूस या तरल पदार्थों पर रह कर भी ऐसा संभव है। कुछ एक उदाहरण ऐसे मैंने देखे हैं। जैसे किसी बहुत ही मोटी लड़की की शादी हो और वो 2-महीने में ही slim-trim हो जाए? सिर्फ जूस पर रहकर और थोड़ा बहुत एक्सरसाइज कर? ऐसा किसी गाँधी ने M.Sc के दौरान या उसके बाद शायद बताया था, जब उसे देख कर यकीन करना मुश्किल हो रहा था। और भी कई इस तरह के उदाहरण देखे-सुने हैं। वजन पे फोकस इसलिए, क्यूँकि वजन अपने आप सिर्फ एक बीमारी नहीं है, बल्की, और भी कितनी ही बिमारियों को न्यौता देने जैसा है।
ज्यादातर जो लोग मोटे होते हैं, वो घूमते-फिरते बहुत कम हैं। वजह चाहे जो भी हों। क्यूँकि मैंने देखा है, की जो रैगुलर सिर्फ घूमने का भी रूटीन रखते हैं, मोटे वो भी नहीं होते। यूनिवर्सिटी जैसी जगहों पर, जहाँ घूमने के लिए अच्छी खासी जगहें होती हैं, ऐसे कितने ही उदाहरण मिल जाएँगे।
इस किताब में writing पर भी कुछ है। तो मुझे तो लगता है की writing ज्यादातर ऐसे लोग करते हैं, जो शायद थोड़ा-सा ज्यादा महसूस करते हैं, किसी भी विषय पर। जिस किसी विषय पर आप जितना ज्यादा महसूस करते हैं, वो उतना ही ज्यादा आपको लिखने की तरफ खिंचता है। और अगर आपको रात को उठकर लिखने के दौरे पड़ रहे हैं, तो एक लेखक के तौर पर आप किन्हीं बेचैनी वाले विषयों पर पहुँच चुके हैं, जो आपको सोने तक नहीं देते। कई बार शायद ऐसे विषय, जिनके बारे में आपने शायद ही कभी सोचा होता है। जैसे कोरोना? और उस दौरान घटी घटनाएँ या दुर्घटनाएँ।
Social Tales of Social Engineering जब आपको लोगों के साधारण से ज़िंदगी के रोज-रोज के घटनाक्रम कुछ और ही नज़र आने लगें। जैसे मानव रोबॉट कैसे बनते हैं या उनकी ट्रैनिंग गुप्त रुप से दुनियाँ भर में कैसे चल रही है?
या शायद Bio Chem Physio Psycho and Electronic Warfare: Pros and Cons और आपको लगे, इंसान टेक्नोलॉजी के साथ-साथ किस हद तक निर्दयी और लालची हो रहा है।
No comments:
Post a Comment