Views and Counterviews 95

 जाने क्यों ये विडियो बार-बार मेरे यूट्यूब पर आ रहे हैं? कह रहे हों जैसे, सुनो हमें? जाने क्यों लगा, की ये तो रौचक हैं      प्रशांत किशोर  V...

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Monday, January 27, 2025

ABCDs of Views and Counterviews? 15

Amplification? किसी चीज़ को बढ़ाना-चढ़ाना 

Manipulation? चालाकी, हेराफेरी, बहरूबियापन, तिकड़मबाज़ी     

किसी भी बात को अच्छे की तरफ बढ़ाना चढ़ाना है या बुरे की तरफ बढ़ाना चढ़ाना है? उसके लिए किस तरह की चालाकियाँ प्रयोग में लानी है? जिनमें संसाधनों का प्रयोग हो या दुरुपयोग हो?

उदाहरण लेते हैं  

पीछे पोस्ट में लिखा, "Reflection लिखना शुरु किया और JD Vance और उसकी किताब पे पहुँचा दिया"  आपके लिखे Reflection में वो सब आना है या लिखा जा रहा है, जो आपको मालूम है या जैसा आपने अनुभव किया और इसलिए वहाँ परिणाम और कुछ होने ही नहीं थे, आगे बढ़ने के सिवाय?

जिस JD Vance की ये खास दिखाने या समझाने वालों ने बात की, वो अमेरिका में कोई राजनीतिज्ञ हैं। ऐसे ही जैसे भारत के किसी राजनीतिज्ञ को parallel दिखाने या समझाने की कोशिश हो। सामांतर घड़ाई भी ऐसी-ऐसी, की वो मर गया या मर गई और उसका जन्म यहाँ या वहाँ हो गया। होता है क्या ऐसे? शायद राजनीतिक घड़ाईयोँ में? जिनके दुष्परिणाम आम जनता भुगतती है। खैर। थोड़ा और जाने इस वाले JD को?   



ये किसी की कहानी दूर, दुनियाँ के किसी और ही कोने से। 
मैं किसी JD को जानती हूँ? 
सालों पहले, किसी यूनिवर्सिटी ट्रिप पर   
JD? कौन JD? 
अरे मैडम, आप JD को नहीं जानते?  
नहीं 
दो JD हैं। एक छोटा और एक बड़ा। और फिर कॉलेज से कोई नाम सामने आता है। 
ओह! आप लोग उसे JD बोलते हैं?
गाँव आने पर 
कोई और ही JD का नाम सामने आता है, किसी और ही संदर्भ में, गाँव के दूसरे हिस्से से Madina-B. 
 
और दादा के खजाने से ये पापा के पत्र पढ़ने लगी तो?
अमेरिकन JD Vance? या शायद Jaivir Damyanti (JD) और उनका वंश? माँ के अनुसार, तीन पैदा किए और तीनों, एक से बढ़ कर एक नमूने। मगर ये सब दिखाने, समझाने वालों का सन्दर्भ शायद कोई कोड भी हो सकते हैं, आज के संदर्भ में? ना की गए हुए कल के संदर्भ में, क्यूँकि, यहाँ तो किसी JD (Jaivir Dangi) को मरे हुए ही कई दशक हो चुके? मरे हुए पे प्रश्न क्यों? सुना है, जहाँ ना ये पता हो की कोई इंसान कब, कैसे और कहाँ मरा या किसने, और क्यों मारा की हकीकत पता हो और लोगबाग सालों-साल, ईधर-उधर जिन्दा की आस में ढूँढ़ते रहें और ना ही लाश मिली हो, वहाँ सिर्फ और सिर्फ प्रश्न रह जाते हैं। हाँ, माँ और उनके पैदा किए तीन नमूने जरुर जिन्दा हैं।  
    
तो निर्भर करता है की बात किस संदर्भ में हो रही है? यही घुमाऊ-फिराऊ से संदर्भ, जब आम आदमी समझ नहीं पाता, तो क्या होता है? राजनीतिक पार्टियाँ, उसे कहाँ-कहाँ घुमा कर क्या कुछ करवाती हैं? और परिणाम क्या होते हैं? परिणाम, अलग-अलग तरह के नुकसान हो सकते हैं। रिश्तों की तोड़फोड़ से लेकर, बिमारियों और मौत तक। ये गंभीर विषय है, जिसपे राजनीती या बड़ी-बड़ी कम्पनियाँ नहीं चाहती की बात तक हो? क्यों? ये Social Engineering का हिस्सा है और एक तरह से अंजान, अनभिज्ञ लोगों का इस्तेमाल मानव रोबॉट की तरह करना है। वरना, किसी भी JD का, किसी और JD से कोई लेना देना नहीं। 
सच में?  
सच में, अगर हम उनकी कहानी घड़ ईधर-उधर घुमा, जबरदस्ती एक जैसा-सा दिखाने या कहीं न कहीं समझाने की कोशिश ना करें तो। हर इंसान अनोखा है और हर किसी की अपनी ही कहानी। मगर राजनीती और टेक्नोलॉजी का जहाँ जरुर उन्हें अजीबोगरीब ढंग से जोड़ रहा है कहीं न कहीं और शायद influence भी कर रहा है। वो भी लोकल स्तर पर ही नहीं, बल्की दुनियाँ भर में और वो भी समाज के अलग-अलग स्तर पर। कैसे? इसको शायद आप आगे और पोस्ट के जरिए समझ पाएँ।          

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